वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए डिजिटल ट्रांजेक्शन पर जोर दिया जा रहा है। ताकि नोट को बार-बार हाथ न लगाना पड़े। हालांकि, लॉकडाउन में पीएम केयर फंड में मदद के पैसे देने से लेकर ईएमआई कटौती के नाम पर ग्राहकों से धोखाधड़ी हो रही है।
इस प्रकार की साइबर धोखाधड़ी से बचने को उससे निपटने की जानकारी भी बेहद जरूरी है। इसीलिए आईआईटी मद्रास ने लॉकडाउन के दौरान घर बैठे लोगों को साइबर और डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए ऑनलाइन शार्ट टर्म 'सर्टिफाइड साइबर वॉरियर्स (सीसीडब्ल्यू) v3.0' शुरू किया है।
भारत सरकार के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य व आईआईटी मद्रास के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रो. वीकामाकोटी इस कोर्स के एडवाइजर हैं। आईआईटी मद्रास की डिजिटल स्किल एकेडमी (डीसीए) ने इस कार्स को तैयार किया है।
डीसीए के हेड प्रो. मंगला सुंदर के मुताबिक, आज डिजिटल धोखाधड़ी बढ़ गई है। जबकि मोबाइल से सीधे हर ग्राहक बैंक से लेकर अपने सारे काम ऑनलाइन करता है। लॉकडाउन अवधि में हर कोई घर से काम कर रहा है। घर से काम के दौरान भी ऑफिस की गुप्त जानकारियों को सुरक्षित रखना जरूरी है।
ऐसे में साइबर सिक्योरिटी की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। प्रो. सुंदर के मुताबिक, यह 120 घंटे का कोर्स है, जिसके लिए सप्ताहंत में लाइव ऑनलाइन क्लासेज भी चलाई जाएंगी। इस कोर्स का मकसद डेटा चोरी और संवेदनशील सूचनाओं को लीक होने से रोकना है।
सिक्योरिटी सेट- अप टूल के बेसिक की जानकारीः
फोरेंसिक इंटेलिजेंस सर्विलांस और सिक्यूरिटी टेक्नोलॉजी (एफआईएसएसटी ) के चीफ मिशन इंटीग्रेटर और इनोवेटर सी मोहन राम का कहना है कि इस "सीसीडब्ल्यू 3.0 कोर्स के तहत सिक्यूरिटी सेट-अप टूल के बारे में बेसिक फंक्शन की जानकारी दी जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि यदि इस तरह का कोई हमला हो तो उसे जल्दी कैसे ठीक किया जाए। इस कोर्स में आईआईटी मद्रास के अलावा आईआईआईडीएम कांचीपुरम की विशेषज्ञ फैक्लटी भी सहयोग देगी।
सेना, पुलिस, सरकारी कर्मी से लेकर आम लोग भी जुड़ सकतेः
इस कोर्स को सेना, सरकारी कर्मी, पुलिस, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन, प्राइवेट, आईटी, पुलिस, नेटवर्क सिक्योरिटी प्रोफेशनल, लॉ, सरकारी विभागों से लेकर आम लोग भी इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। यह कोर्स आज की सबसे बड़ी जरूरत है।- प्रो. भास्कर रामामूर्ति, डायरेक्टर, आईआईटी मद्रास।